Wednesday, March 2, 2016

चीन की विशाल दीवार

tha great Wall of china दोस्तो इसका नाम तो आप सभी ने सुना होगा .
the great wall of china
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है।
यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851.8 किमी (5,500.3 मील) तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।

चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी :Qi), यान (अंग्रेजी :Yan) और जाहो (अंग्रेजी :Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी :Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग ने बनवाई थी। उस दीवार के अंश के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह मिंग वंश द्वारा बनवाई हुई वर्तमान दीवार के सुदूर उत्तर में बनी थी। नए चीन की बहुत लम्बी सीमा आक्रमणकारियों के लिए खुली थी इसलिए किन शासको ने दीवार को चीन की बाकी सीमाओं तक फैलाना शुरू कर दिया। इस कार्य के लिए अथम परिश्रम एवं साधनों की आवश्यकता थी। दीवार बनाने की सामग्री को सीमाओं तक ले जाना एक कठिन कार्य था इसलिए मजदूरों ने स्थानीय साधनों का उपयोग करते हुए पर्वतों के निकट पत्थर की एवं मैदानों के निकट मिटटी एवं कंकड़ की दीवार का निर्माण किया। कालांतर में विभिन्न साम्राज्य जैसे हान, सुई, उत्तरी एवं जिन्होंने दीवार की समय समय पर मरम्मत करवाई और आवश्यकतानुसार दीवार को विभिन्न दिशाओं मे फैलाया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है, व युनेस्को द्वारा १९८७ से विश्व धरोहर घोषित है।
पहले ये बताया जाता था की चीन की दीवार दुनिया कि एक मात्र एेसी मानव निर्मित वस्तु है जो अंतरिक्ष से दिखाई देती है.

मिस्र के पिरामिड

लेकिन पिछले साल space में गए चीन के पहले यात्री ने यह कहकर पूरे देश में निराशा फैला दी कि उसे ऊपर से दीवार नहीं दिखी थी.

एक सरकारी newspaper  ने उस निराशा को अब जाकर दूर किया है एक चीनी मूल के अमरीकी अंतरिक्ष यात्री द्वारा खींची तस्वीरें छापकर.

चाइना डेली अख़बार ने लीरॉय चियाओ की तस्वीरों का प्रकाशन किया है जो कि आम फ़ोटो उपकरणों के ज़रिए ली गई हैं.

चियाओ इस समय अंतरराष्ट्रीय space स्टेशन में हैं.

क़रीब 360 किलोमीटर ऊपर से ली गई तस्वीर की एक प्रमुख चीनी विशेषज्ञ ने सही क़रार दिया है.

हालाँकि चियाओ ख़ुद इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि उन्होंने सचमुच में महान दीवार की तस्वीर उतारी है.

लीरॉय चियाओ ने कहा है कि वह चीन के ऊपर से गुजरते वक़्त फिर से तस्वीर उतारने की कोशिश करेगा.

इसके लिए उसे बहुत तेज़ी दिखानी होगी क्योंकि वह आठ किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से गुजर रहा होगा.

क्राइस्ट द रिडीमर (प्रतिमा)

महान दीवार को लेकर चीनी गर्व का भाव वैसे भी थोड़ा कम हुआ होगा क्योंकि मिस्र के पिरामिड और कई हवाई अड्डों को भी अंतरिक्ष से देखे जाने की बात सामने आई है.




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2 comments:

  1. nice article brother. apke blog m jo ad show ho rahi hai wo kaun se ad network se hai? aur account approval m kitna time laga tha?

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