Thursday, October 29, 2015

एडिसन, थॉमस अल्वा

एडिसन विश्व के चोटी के आविष्कारक थे। एक जिज्ञासु और धुनी आविष्कारक, जिन्होनें अपनी युक्तियों को कठोर परिश्रम से साकार रूप दिया। वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने हजार से भी ज्यादा आविष्कार किये। बिजली के बल्ब के क्रांतिकारी आविष्कार ने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचा दिया। इसके आलावा एडिसन ने चलचित्र, फोनोग्राफ, टेलीग्राफ, माइक्रोफोन आदि ढेरों वस्तुएं बनाई। शायद इसलिए उन्हें "मेनलो पार्क का जादूगर" कहा गया। आइंस्टीन ने उन्हें ''सर्वकालिक महान आविष्कारक'' माना। सारी दुनिया ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना और उन्हें 'जीनियस' कहकर बुलाया।


थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 में मिलान (ओहायो,अमेरिका) में हुआ था। वह सेमुअल और नैंसी एडिसन की सातवीं और अंतिम संतान थी। पिता कनाडा के राजनैतिक क्रांतिकारी तथा माता स्कूल शिक्षिका थी, जिनका बालक एडिसन की जिंदगी में गहरा असर था। सन 1854 में एडिसन जब सात बरस के थे, एक बेहतर जिंदगी की तलाश में पूरा परिवार पोर्ट ह्यूरोन, मिशिगन चला आया। एडिसन का सारा बचपन फिर यहीं गुजरा। यहां उन्होंने कुल 12 सप्ताह पब्लिक स्कूल में भाग लिया। एडिसन की श्रवण शक्ति बहुत कमजोर थी। वह अपने शिक्षक की बाते बमुश्किल समझ पाते थे, लिहाजा मां ने शीघ्र ही स्कूल से निकाल लिया और घर पर ही पढ़ाने का फैसला किया। थॉमस की शिक्षा 11 वर्ष की उम्र तक  फिर मां के साये में घर पर ही हुई। नैंसी ने एडिसन को पढाई के साथ-साथ रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। नन्हा एडिसन अब पढाई के साथ-साथ घर के तहखाने में छोटे मोटे प्रयोग करने लगा।

1859 में, बारह वर्ष की आयु में एडिसन ने डेट्रोइट जाने वाली ग्रांड ट्रंक रेलमार्ग पर अखबारों और कैंडी बेचने की नौकरी कर ली। साथ ही 'द ग्रांड ट्रंक हेराल्ड' नाम से अपना स्वयं का अखबार शुरू किया। अब अच्छी-खासी आमदनी होने लगी। दुर्भाग्य से एक हादसे ने यह नौकरी छीन ली। एडिसन जब 15 बरस के हुए एक 'टेलीग्राफ ऑपरेटर' के रूप में नौकरी के लिए भटकते रहे। आखिर रेलवे के टेलीग्राफ दफ्तर में काम मिल गया जहां वे  मोर्स कोड के प्रयोग से टेलीग्राफ पर सन्देश भेजते और प्राप्त करते। भले ही वह अपनी श्रवण शक्ति खो चुके थे, पर टेलीग्राफ की क्लिक की आवाज सुन लेते थे। बाल एडिसन अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति के चलते कुछ न कुछ उटपटांग हरकत करते और नौकरी से हाथ धो बैठते। आगामी सात वर्षों में एक दर्जन से ज्यादा बार हटाएं गए, जबकि सारी रात काम करते, और ट्रेनों और यहां तक कि नागरिक युद्ध के दौरान केंद्रीय सेना के लिए संदेश प्राप्त करते।

अपने खाली समय में, एडिसन चीजों को उठाते और परखते रहते कि आखिर वह कैसे काम करती है। अंत में, उन्होंने खुद ही चीजें ईजाद करने का फैसला किया। अपने पहले आविष्कार, इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर की विफलता के बाद, एडिसन न्यूयॉर्क शहर चले आए। वहां उन्होंने स्टॉक मार्केट टिकरटेप प्रिंटर में जिस तरह से सुधार किया, वह उनके लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया। 1870 तक उनकी कंपनी नेवार्क, न्यू जर्सी में अपने स्टॉक टिकर निर्माण करती रही। उन्होंने टेलीग्राफ में भी बड़ा सुधार किया, अब यह एक ही बार में चार संदेशों को भेजने में सक्षम था।

1871 में, क्रिसमस दिवस पर एडिसन ने अपनी पहली पत्नी मेरी स्टिलवेल से विवाह रचा। वह एडिसन के किसी दुकान पर कर्मचारी थी। उनकी मुलाकात महज दो महीने पहले हुई थी। मेरी से उनके तीन बच्चे हुए - मैरियन, थॉमस जूनियर, और विलियम। 9 अगस्त, 1884 को 29 साल की उम्र में मेरी एडिसन का अज्ञात कारणों से, संभवतः मस्तिष्क ट्यूमर से, या अफ़ीम की अधिक मात्रा में सेवन से, निधन हो गया। उन वर्षों में डॉक्टर अक्सर कई किस्म के इलाज के लिए महिलाओं को अफ़ीम सेवन की सलाह देते थे। 

अपने आविष्कारों में पैनापन लाने के लिए एडिसन एकाग्र चित्त होकर काम करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें किसी शांत जगह की तलाश थी। 1876 में, एडिसन नेवार्क से मेनलो पार्क, न्यू जर्सी चले आए। यहां उन्होंने अपनी सबसे प्रसिद्ध प्रयोगशाला का निर्माण किया। मेनलो पार्क में वह अकेले नहीं थे बल्कि अपनी मदद के लिए उन्होंने कामगार पाल रखे थे। यह कामगार अमेरिका में अपना भाग्य बनाने दुनिया भर से आए थे, और अपने मुख्य कामगार और स्वयं एडिसन के साथ रात रात भर काम करते थे। एडिसन को तब "मेनलो पार्क का जादूगर" कहा जाता था क्योंकि अपने तीन महत्वपूर्ण आविष्कारों में से दो को उन्होंने यही बनाया था। 

फोनोग्राफ एडिसन का सबसे पसंदीदा आविष्कार था। यह पहला यंत्र था जो किसी की आवाज को दर्ज कर वापस लौटाता था। 1877 में, एडिसन ने सिलेंडर के चारों ओर लिपटी टिन की पन्नी पर पहली बार शब्द दर्ज किये और वापस भी पाये। इस आविष्कार से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली। पर बेर्लिनर द्वारा विकसित ग्रामोफ़ोन ने फोनोग्राफ की जगह ले ली। 1878 के शुरुआत में, एडिसन और कामगारों ने उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक पर काम किया। उस समय विद्युत प्रकाश प्रणाली का मतलब था, एक प्रकाश लैंप, या ज्यादा से ज्यादा एक बिजली का बल्ब। एडिसन ने जनरेटर, स्विच, प्लग और फ्यूज सहित बिजली संयंत्रों की पूरी प्रणाली ही बना डाली जो बिजली बनाती और तार इसे लोगों के घरों तक दौड़ाती। 1882 में उन्होंने न्यूयार्क के ग्राहकों के लिए ग्रिड पर डीसी करेंट का पारेषण किया। एडिसन को अपने ही कर्मचारी की व्यग्रता से तगड़ा झटका लगा जब निकोला टेस्ला ने एसी करेंट का ईजाद किया, जो पारेषमें कहीं अधिक सस्ता था। 1890 तक एडिसन बिजली वितरण की लड़ाई हार चुके थे।    

1885 में, अपनी पहली पत्नी की मृत्यु के एक वर्ष बाद, एडिसन की मुलाकात मीना मिलर नाम की एक 20 वर्षीय युवती से हुई। मीना के पिता एडिसन के गृह राज्य ओहियो के एक आविष्कारक थे। एडिसन ने मीना को मोर्स कोड सिखाया। मीना देश में ही एक घर चाहती थी। एडिसन ने पश्चिम ऑरेंज, न्यू जर्सी में 13-1/2 एकड़ जमीन के साथ, एक 29 कमरों वाला मकान खरीद लिया। 24 फ़रवरी, 1886 को दोनों शादी के बंधन में बंध गए। मीना ने तीन बच्चों को जन्म दिया : मेडेलीन, चार्ल्स और थिओडोर।

एक वर्ष बाद, एडिसन ने पश्चिम ऑरेंज में एक प्रयोगशाला का निर्माण किया जो मेनलो पार्क की प्रयोगशाला से दस गुना बड़ी थी। वास्तव में, यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशालाओं में से एक थी जो एडिसन जितनी ही मशहूर थी। एडिसन ने अपने 1,093 पेटेंट की आधी कमाई पश्चिम ऑरेंज में कमाई थी।

एडिसन ने न केवल फोनोग्राफ को कई बार सुधारा, बल्कि एक्स-रे, स्टोरेज बैटरी, और दुनिया की पहली बोलने वाली गुड़िया पर भी काम किया। पश्चिम ऑरेंज में उन्होंने अपने महान विचारों में से एक ''चलचित्र'' पर काम किया। इन आविष्कारों ने जीने का तरीका ही बदल दिया जिसे आज भी हम अपने जीवन में देखते है। अपनी 84 वर्ष की आयु तक, 18 अक्टूबर, 1931 को अपनी मृत्यु तक, एडिसन यहीं काम करते रहे।  

उस समय तक, सारी दुनिया ने एडिसन की प्रतिभा का लोहा मान लिया था। लेकिन एडिसन जानते थे, केवल एक अच्छी युक्ति पर्याप्त नहीं, बल्कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कठोर परिश्रम की जरुरत होती है। यही कारण है, एडिसन का कहना है - "प्रतिभा, 1% प्रेरणा और 99% पसीना है।"

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